१ दिसम्बर २०१५

वैलेरी : : आज मंगलवार, १ दिसम्बर २०१५ है, और हम लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं; हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं – और उनका संदेश प्राप्त करते हैं|

❝मैं यहाँ हूँ| मैं यहाँ आ कर बहुत प्रसन्न हूँ| हमेशा की तरह, मैं जानता हूँ कि आप लोग मेरा स्वागत बड़ी धूम धाम से करते हैं और इसी कारण से, मुझे आपके के पास आकार बांटने में प्रसन्नता मिलती है|

क्योंकि – निस्सन्देह- यह संदेश बहुत सारे लोगों के पास पहुंचता है – यह समझने की भूल मत करिये कि आप ही वे कम लोग ही हैं| बहुत सारे लोग हैं और मैं यह बात उस स्थान से कह रहा हूँ जहां से मैं जानता हूँ| मेरे बच्चों यहाँ पर उपस्थित रहने के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ|

आज सुबह मैंने आपको पृथ्वी के बाहरी क्षेत्र – आपके वायुमंडल के बारे में कहते हुए सुना, आप सोचते हैं कि यह दिन के समय नीले रंग का है| एक अद्भुद नीला आसमान, जिसमे कभी सफ़ेद तो कभी काले बादल मँडराते हैं, परंतु आप यह सब रोशनी की वजह से देख पाते हैं| और रात से समय यही आसमान खुलता हुआ प्रतीत होता है, क्योंकि अब आप इसपर पूरा का पूरा तारा समूह देखते हैं| तारों से भरा हुआ जो आप के सूरज के समान हैं और मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि वहाँ पर बहुत सारे सौर मण्डल हैं|

आज की तरह, पहले भी लोग दूसरी दुनियाओं में जीवन की मौजूदगी ढूंदते आए हैं| और मैं आपको इसका आश्वासन देता हूँ कि वहाँ पर जीवन है| चूंकि अब मैं पृथ्वी से नहीं, बल्कि कहीं और से बातें कर रहा हूँ – हालांकि अब मैं प्रकाशमय शरीर में हूँ और उन लोगों के साथ काम कर रहा हूँ जिनहे मैं सूक्ष्म समूह कहता हूँ| वे मुझे पृथ्वी पर ऊर्जा को संभाले रखने में मदद करते हैं| मुझे भौतिक शरीर में रहने की कोई आवश्यकता नहीं है| वे अपने भौतिक शरीर में स्थित ऊर्जाओं के माध्यम से मेरे प्रकाशमय शरीर को पृथ्वी पर मौजूद रहने में सहायता कर रहे हैं| मुझे उम्मीद है कि आपको यह समझ में आ रहा होगा|

शायद मैं बच्चों की तरह हिज्जे कर के यह सब कह रहा हूँ, किन्तु ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हें प्रकाशमय शरीर के अस्तित्व पर विश्वास नहीं है – और उस शरीर में रहकर कोई काम करना तो बहुत दूर की बात है – परंतु वाकई में मैं यही कर रहा हूँ| भौतिक शरीर में जितना काम मैं कर पाता था उससे कहीं अधिक इस तरह रह कर हासिल कर पा रहा हूँ – क्योंकि रोज़मर्रा के कामों में अब सीमाबद्ध नहीं हूँ| यदि आप इस पर विचार करें – कि सूक्ष्म समूह के साथ जो भी कुछ हो रहा है वह बहुत ही विस्मयकारक है और मैं इस बात की प्रसन्नता है कि मेरे चारों ओर ऐसे लोग मौजूद हैं जो मेरी मदद कर रहे हैं और ऐसे लोग भी हैं जो मुझे प्रकाशमय शरीर में स्वीकार कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह सब असली है|

और मैं असली हूँ| मैं आपको इसका आश्वासन देता हूँ|

मैं यहाँ पर पहले आ चुका हूँ, किन्तु मैं और जगहों पर भी जा चुका हूँ – यह पृथ्वीवासी के मस्तिष्क को समझने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है कि कोई यहाँ, वहाँ और सभी जगहों पर मौजूद हो सकता है| यह कुछ आपके परी कथाओं के समान है| मैं मज़ाक कर रहा हूँ| हकिकत में, मेरे पास जो ऊर्जा है वह सभी जगहों पर मौजूद हो सकती है, और यहाँ पर यही हो रहा है|

यदि आप मेरे अनुसार ढल जाएँ, तो आप भी साई बाबा बन सकते हैं! या फिर आप सृजनात्मक स्रोत से आती हुई सार्वलौकिक प्रेम की ऊर्जा हो सकते हैं| आप जो भी चयन करें, वह आपको सीधा पूर्ण सत्यता के साथ जोड़ देगा|

सत्य एक ऐसा शब्द है जिसको समय समय पर तोड़ा गया है| कुछ लोग यह विश्वास करते हैं कि वे सत्य को सुन, देख व महसूस कर सकते हैं| और बाकी लोग भी ऐसा ही मानते हैं परंतु सत्य में ही मतभिन्नता जैसा प्रतीत होता है| इस समय पृथ्वी पर यही हो रहा है| लोग इस लिए एक दूसरे का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे समझते हैं कि वे सत्य सुन रहे हैं| और दूसरे भी यही सोचते है कि वे भी सत्य सुन रहे हैं| परंतु यह विरोधात्मक स्थिति में है| यही युद्ध की रचना कर रहा है|

मैं आप को विश्वास दिलाता हूँ – यदि आप सृजनात्मक स्रोत से आता हुआ सत्य को सुनते हैं – और उस शब्द पर विचार करते हैं – यह सृजन है – नाश करना नहीं – और जब आप युद्ध के बारे में सोचते हैं – वह बरबादी है – है कि नहीं? तो यह सब सृजनात्मक स्रोत से आते हुए सत्य से प्रतिकूल है|

पृथ्वी पर शांति लाने के लिए कई तरीके इस्तमाल किए जा सकते हैं| आपके नेता, लोग – जिनके हृदय में परमात्मा का प्रेम है, कुछ और तरीकों का इस्तमाल भी कर रहे हैं| यदि आप सुनें, और महसूस करें और हर रोज़ क्षमादान के लिए प्रार्थना करें, उनके द्वारा किए गए किसी भी कार्य के लिए, जिसकी वजह से विरोधात्मक परिस्थिति उत्पन्न हुई – क्योंकि हो सकता है कि यह परिस्थिति उस समय उत्पन्न हुई हो जब वे यह समझ रहे थे कि वे समय अनुकूल सब से उत्तम कार्य कर रहे हैं – परंतु पुनरावलोकन करने पर ऐसा प्रतीत नहीं होता|

यद्यपि, आप इसे सही कर सकते हैं| आपको सिर्फ इतना करना है कि आप शांति का प्रस्ताव रखकर क्षमादान मांगे – उन सब से जो आपके चारो ओर हैं – अपने आप से – और सब के सृजन के स्रोत से| ऐसा करने से जितनी भी विरोधात्मक ऊर्जा हैं वह हट जाएंगी – मैं उम्मीद करता हूँ विरोधात्मक परिस्थिति पर मेरी कही हुई बातें आपकी समझ में आ रही होंगी|

क्योंकि आप से पूछा जा रहा है – और वस्तुतः आपकी चैतन्य का उत्थान हो रहा है – उस स्थान तक जहां पर कोई विरोध नहीं है|

जिसका मतलब है, निस्संदेह आपको शांतिमय दुनिया का वरदान प्राप्त हो गया है|

तो यदि आप उस के बारे में सोचें और कितना सरल है क्षमा मांगना, आप समझ और जान जाएँगे कि क्यों आपको आशीर्वाद और ऊर्जा इतनी जल्दी प्राप्त हो सकती है – यदि सचमुच आप, अपने हृदय में स्थित सृजनात्मक स्रोत से समझें – जहां पर प्रेम केवल प्रेम ही व्याप्त है|

मुझे उम्मीद है कि आज मैंने अपना संदेश स्पष्टता के साथ दिया है – क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप इसे सुनें, देखें, महसूस करें और अनुभव करें|

परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों, परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें|

मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ| ❞


लौकिक साई बाबा से प्रसारण आप यहाँ सुन सकते हैं:



 

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