३ मई २०१६

वैलेरी: आज मंगलवार, ३ मई २०१६ है| हम प्रेम और आदर के साथ लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं| और हम बहुत प्रेम के साथ उनका स्वागत करते हैं|

❝मैं यहाँ हूँ, और मैं यहाँ बहुत प्रसन्न हूँ| मुझे आपकी गोष्टी में आकर बहुत आनंद आता है|

आज आप लोगों ने आपस में एक दूसरे के साथ अपने विचार बाटें हैं और इससे आपको, पहले से ही उल्लिखित कुछ और विषयों पर सोचने का अवसर प्राप्त होता है| क्योंकि यह सभा एक जैसी सोच के व्यक्तियों की है, और एक जैसी सोच के व्यक्ति ही परमात्मा के प्रेम, विचार और समझ एक दूसरे के साथ बांटते हुए यह जान पाते हैं की कैसे सभी के सृजन के स्रोत की उपस्थिती, आप लोगों के बीच खबर फैलाने में कितनी मदद करती है|

मुझे ज्ञात है कि आज ऊर्जाएं थोड़ी बिखरी हुई हैं| किन्तु कोई बात नहीं –ऐसा कभी-कभी हो जाता है – ये उसपर निर्भर करता है कि आपके चारों ओर क्या है – या आपके चारों ओर की आवाज़ें – या फिर आपके चारों ओर बाहर की तरफ से, किसी का आपके ऊपर पड़ रहा प्रभाव|

आपके चारों ओर का शहर या फिर हम इससे और आगे बढ़ें तो – हवा और सूर्य की ऊर्जा और पृथ्वी पर आती हुई ऊर्जा – आपका वायुमंडल| यह सब आपको प्रभावित कर सकता है|

मैं चाहूँगा कि आप इस विषय पर अवश्य सोचें – और यदि आप स्रोत से, परमात्मा – सब के स्रोत से मदद मांगे – आपके चारों तरफ फैली सारी अव्यवस्था और टकराव को हटाने के लिए, जिससे आपको जीवन जीना बहुत सरल हो जाएगा और इससे आपको बहुत राहत मिलेगी |

आप जो हर एक दिन का सामना करते हैं, आपको वाकई में आपके चारों ओर ऊर्जाएं महसूस होंगी और यदि आपको यह एहसास अप्रिय लगे- तो आप इसके प्रभाव से मुक्त होने लिए मदद मांग सकते हैं|

आज मैं आपको भाषण देने नहीं आया हूँ – मैं आपके साथ बस यही बांटना चाहता हूँ कि कभी ऐसा भी समय होता है जब आपको पूरा दिन या हर रोज़, कुछ भी सोचना या कुछ भी काम करना आसान लगता है|

और कभी ऐसा भी लगता होगा कि कुछ ठीक नहीं है और हर समय रुकावटें आ रहीं हैं|

इसी समय पर आपको परमात्मा, सब के सृजनात्मक स्रोत, से मदद की गुहार लगानी चाहिए कि वे आपको उस कार्य को करने का एहसास दिलाएँ जो आपको उस दिन करना है|

और आज मैं कुछ ही समय के लिए आया हूँ, परंतु मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि सब के सृजन का स्रोत ही परमात्मा का स्रोत है| वह प्रेम का स्रोत है, वह प्रेम का कुआं है – सार्वभौमिक प्रेम – कोई धारणा नहीं है| हमेशा मदद ही है – सिर्फ आपको उसे मांगना पड़ेगा| और निस्सन्देह मदद आप तक पहुंचाई जाएगी|

धन्यवाद मेरे बच्चों, धन्यवाद|

मैं, परमात्मा, आपको आशीर्वाद देता हूँ| ❞


Y आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं: