५ जनवरी २०१६

वैलेरी: वैलेरी: आज ५ जनवरी २०१६ है| हम लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं और यहाँ उनकी उपस्थिति का स्वागत करते हैं|

हम शांति की विद्यमानता के लिए प्रार्थना और एक चमत्कार की याचना कर रहे थे, क्योंकि दुनिया भर में बहुत सारे लोग हैं जो शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हम लौकिक साई बाबा का आह्वान, चमत्कार उत्पन्न करने के लिए कर रहे हैं ताकि कोई संशय न रहे (लोगों के मन में) कि सृजन के स्रोत – और परमेश्वर – विद्यमान हैं| और हमें अपना ध्यान केवल एक ही बिन्दु पर केन्द्रित करना है – और वह है प्रेम| सर्वव्यापी प्रेम| करुणा| संवेदना|

❝ मैं यहाँ हूँ! और आज मैं यहाँ आकार बहुत प्रसन्न हूँ|

पृथ्वी पर उत्सवों का मौसम था – जिसे आप बड़ा दिन या क्रिसमस कहते हैं| और क्रिसमस एक ऐसा समय है जो इशू से पहले भी मनाया जाता था, उन लोगों के लिए जो उस समय पृथ्वी पर थे|

यह पृथ्वी पर, लगभग सारी शिक्षाओं के प्रारंभ में आया था, मानवों को यह जानने और समझने में मदद के लिए कि वे वास्तव में कौन हैं|

एक आंतरिक सूर्य मौजूद है| यह आंतरिक सूर्य चमकता है| यह प्रकाश है| लोग इस दिव्य प्रकाश का उल्लेख करते हैं, जो सूर्य से आता है; उसका ताप – और उसकी वजह से आपको कैसा महसूस होता है| उसकी सौम्य गर्मी आपको हल्का महसूस कराती है; आपको आनंदित करती है|

हम दूसरी दुनियाओं से, इस को प्रेम कहते हैं| जब हम कहते हैं, और कभी कभी यह सिद्ध पुरुषों को प्रभावित करती है जो इन सब चीजों के बारे में लिखते हैं| वे आत्माओं के बारे में कहते हैं, जो प्रकाश हैं|

यह आपके (मनुष्यों के) भीतर स्थित है – और यह आपके चारों ओर है| इसे मनोविज्ञान में निपूर्ण मनुष्य, पहले भी देख पाते थे – और यह भी दिखाई देती है| इसे अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाली मशीन द्वारा भी देखा जा सकता है – इसे मनुष्य का प्रभामंडल भी कहते हैं – किन्तु वह सब एक ही बात है; यह प्रकाश है| इसमे कई रंग दिखाई पड़ते हैं| और यही रंग प्रकाश बनाते हैं|

वे श्वेत प्रकाश बनाते हैं|

मैं, आपके ध्यान में, इस बात को इसलिए लाना चाहता हूँ, क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आप सच में सोचें कि आप कौन हैं| और मैं यह बात आप से कह सकता हूँ कि आप प्रकाशमय जीव हैं|

आपके पास आत्मा है| कई तरह से, आप आत्मा को सूर्य भी बुला सकते हैं| और यह आपका आंतरिक सूर्य है|

वह चमकता है|

जब भावनाओं को आप अपने ऊपर हावी होने देते हैं, तब यह एक ऐसी ऊर्जा का रूप ले लेता है, जो एक परछाई की तरह प्रकट होती है| और यह प्रकाश को कुछ हद तक रोक लेता है|

तो आज का मेरा संदेश यह है कि आप हर नकारात्मक भावनाओं से अपने आप को मुक्त रखें – क्योंकि यह परछाईं बनकर आपके प्राकृतिक प्रकाश को रोक लेता है जो धनात्मकता, रचनात्मक विचार या भावना के साथ जुड़ा है|

आप इसके बारे में सोच सकते हैं| आप इसे अपने भीतर बहने दीजिये| आप इसे अपने आप में ढाल सकते हैं|

बस इतना ही आपको होना हैं – दयालु और करुणामय|

यह याद रखिए|

क्योंकि वह ऊर्जा आपके भीतर स्थित प्रकाश से आ रही है|

और जब आप लोगों को छूते हैं – या फिर उनके पास होते हैं – वे आपके पास से आती हुई प्रेम की ऊर्जा को अनुभव कर सकते हैं – हम सर्वव्यापी प्रेम की बात कर रहे हैं जो सब के सृजनात्मक स्रोत से आता है|

अब मैं यहाँ से जाना चाहूँगा मेरे बच्चों, और मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इस विषय में विचार करेंगे और अपने ऊपर काम करेंगे| बस परमेश्वर से कहिए कि आपके भीतर स्थित आपको सारी नकारात्मक ऊर्जाओं को मुक्त कर दें ताकि परछाई से मुक्त हो, आपका प्रकाश चमकने लगे|

प्रकाश बहुत ही तेजस्विता से उजागर होगा|

और लोगों का ध्यान इस पर जाएगा और वह देख पाएंगे| बस सिर्फ इतना ही नहीं, उन्हें प्रेम सब के सृजनात्मक स्रोत से ही आता हुआ प्रतीत होगा|

परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों, परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें|

मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ| ❞


आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं: