६ जनवरी, २०१५

“हम लौकिक साईं बाबा का आह्वान करते हैं और उनसे इंतज़ार करवाने के लिए क्षमा याचना करते हैं”|
वे ‘काफी जोश के साथ’ प्रकट हुए …..

❝यह मैं हूँ और यहाँ आकर बहुत प्रसन्न हूँ | कोई समस्या नहीं है मेरे बच्चों – कोई भी समस्या नहीं है – इस तरह की वार्तालाप सुनने से मुझे प्रसन्नता मिलती है| मैं कई लोगों को ‘पवित्र आत्मा’ के बारे में वार्तालाप करने के लिए,  उन पर ‘पवित्र आत्मा’ का पड़ता हुआ प्रभाव और कुछ इसी प्रकार की बातों को  प्रोत्साहित करना चाहूंगा|

आप पाएंगे कि एक व्यक्ति किसी एक विशेष को बहुत महत्व देता है जबकि कोई और व्यक्ति उसी  बात को अलग ढंग से सोच रहा होगा –  दरअसल, जब भी आप बातें करते रहेंगे तो पाएंगे कि कहीं पर भी कोई अलगाव नहीं है | और इसलिए, इन सब चीज़ों पर बात करना अच्छा होता है|

वास्तव में, सब कुछ चीज़ों के बारे में बातें करना अच्छा होता है; जिस की वजह से एक दूसरे के बीच कोई गलतफहमी नहीं रहती है…… क्योंकि कई बार किसी की कही हुई बात, दुसरे से भिन्न प्रतीत होती है …. जब आप इसी बातचीत को आगे बढ़ाते हैं…… तो आप पाते हैं, वास्तव में सभी एक ही चीज़ के बारे में बात कर रहे थे | परन्तु एक अलग ढंग से|

इसी तरीके से धरती शान्ति की ओर अग्रसर होगी| क्योंकि, अगर लोग एक दुसरे से बातें करें और संपर्क बनाये रखें (बजाये इसके कि हर एक समस्या का समाधान हथियार द्वारा ही हो – हम शांति तक कभी नहीं पहुँच पाएंगे) (और इसलिए) आपको बैठ कर बात करने की आवश्यकता है| एक दूसरे को समझें; किसी बात को ले कर अपना नजरिया समझाएं और उसी बात पर दूसरों का नजरिया समझें| कई बार, संवाद के दौरान आप पाएंगे कि आप एक दूसरे को किसी बात की सहमति के लिए प्रभावित कर सकते है, जिस के विषय को ले कर आप बन्दूक उठाने के लिए तैयार थे|

और इसलिए मैं प्रोत्साहित करूँगा कि संपर्क बनाये रखें | मैं लोगों को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि वे खुले दिमाग व एक दुसरे के लिए सम्मान के साथ आगे आएं और संवाद करें |

समय के चलते वे पाएंगे कि वे बहुत आसानी से मुद्दों को हल कर सकते हैं|

आपको मेरा कथन उपदेश लग रहा होगा परन्तु मैं ऐसा करना नहीं चाहता| मैं लोगों को ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहूंगा – ध्यान ही आपको आत्मीय चेतना के साथ जोड़ता है| और जैसा कि सुबह से बातचीत हो रही थी- यह आत्मीय चेतना बहुत वास्तविक है – वास्तव में बहुत ही वास्तविक है और जैसा कि कहा गया है आत्मीय चेतना के बिना आपका भौतिक शरीर संचलित नहीं हो सकता है|

वास्तव में आपकी आत्मीय चेतना आपके शरीर को कई मायनों में जीवित रखने में मदद करती है – आपकी श्वास में, आपके दिल की धड़कन में, आपके रक्त के प्रवाह में| मानव शरीर को संचालित करने के लिए उसका हर एक अंग जो मदद करता है – साफ़ रखने में, पोषण करने में, उसको जीवित रखने में और उसे चलाते रहने में – यह सब आपकी आत्मीय चेतना से आता है|

पृथ्वी पर लोगों को शांति खोजने की बहुत आवश्यकता है – शांति खोजने के लिए उन्हें स्वयं के भीतर शांति ढूंढ़नी होगी|  एक बार उन्हें स्वयं के भीतर शांति प्राप्त हो गयी, तो वे शांतिपूर्ण तरीके से अन्य लोगों के साथ संवाद करने में सक्षम होंगे| इस सब से धरती पर शांति को बढ़ावा मिलेगा|

यद्यपि, मेरी बातें कुछ और लम्बे समय तक चल रही हैं, मुझे लोगों के लिखे हुए पत्रों के बारे में याद दिलाया जा रहा है और मैं उनसे यह कहना चाहूंगा कि उन्हें मेरा आशीर्वाद प्राप्त है| और मुझ से कुछ भी छूटा नहीं है| मैं चाहूंगा लोग यह जाने कि – यदि वे मुझ तक पहुँचने की कोशिश करते हैं मेरा नाम ले कर और मोमबती जला कर या मंदिर की घंटी बजाने जैसी छोटी सी विधि के साथ, जो वास्तव में, चारों तरफ की ऊर्जा और वातावरण को स्वच्छ करती है और उस के साथ सिर्फ उनको माँगना है|

जो कुछ भी आपको परेशान कर रहा है, आपका पूरा दिन या साल कैसे अच्छा कट सकता है, आपकी बीमारी, या फिर आपका कोई काम कैसे बन सकता है, इन सब विषयों के बारे में पूछें|   हो सकता है परिवार के मुद्दे हों| यह सब निश्चित रूप से हल किया जा सकता है! वहां से, आपके मांगने के बाद – प्रार्थनाएं दी जा सकती हैं और वे वाकई काम करती हैं| मैं इस शब्द का प्रयोग आधुनिक मायने में कर रहा हूँ…. किन्तु प्रार्थना,  यदि आप इस के बारे में सोचें, यह एक विचार है, एक चेतना, और यह प्रवाह के साथ बह जाती है|

आपने ‘शक्ति’ के विषय में बात की थी और परिवर्तन की शक्ति बेशक काम करती है और आपकी पृथ्वी को परिचालित करती है| तो यदि – आप प्रार्थनाएं करते हैं, यह सब के सृजनकर्ता की शक्ति के प्रवाह के साथ बह जातीं हैं और यह लोगों के जीवन में बदलाव लाती हैं – यह जिस कारण से भी प्रार्थनाएं की गयीं हैं, बहुत ही चमत्कारी ढंग से लोगों में बदलाव लाने में मदद करेंगी – यह सब जानते हैं कि चमत्कार होते हैं – मैं चाहूंगा आप इसके विषय में सोचें – यदि आप चाहें|
आज मैं यहाँ पर आकर और आप के साथ इस दिन को बांटकर बहुत प्रसन्न हूँ| मुझे सुनने के लिए धन्यवाद मेरे बच्चों धन्यवाद|

मैं आपको आपकी हर इच्छा का आशीर्वाद देता हूँ – विशेषतः चूंकि  आप नए साल की शुरुआत कर रहे हैं जैसा कि पृथ्वी पर सर्वाधिक  जातियों समझती हैं | हमारे लिए – कोई विभाजन नहीं है | यह सिर्फ एक परिवर्तन है जो प्रति दिन होता है … सूर्य उदय होता है और अस्त हो जाता       है….. चन्द्रमा उदय होता है फिर अस्त होता है – यह हमारा समय है| यह हमारा दिन है, हमारा वर्ष और मौसम जो इस पृथ्वी के ऊपर प्रभावित किये गए हैं|

तो परमात्मा आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों, परमात्मा आपको आशीर्वाद दें…
❝मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ”|


आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं: