९ अगस्त २०१६

Valerie: वैलेरी: आज ९ अगस्त २०१६ है, और हम मौस वैल, ऑस्ट्रेलिया में इक्कठे हुए हैं| बड़े प्रेम और आदर भाव के साथ हम लौकिक साई बाबा का अहवान करते हैं| धन्यवाद|

❝मैं यहाँ हूँ! और मैं यहाँ आकर बहुत प्रसन्न हूँ| मैं यहाँ इंतज़ार कर रहा था….जानता हूँ कि हम अपने निर्धारित समय पर नहीं मिल पाएंगे| मैंने चीजों को संगठित किया है – मेरी मदद करने के लिए अपने सहायकों को बुलाया है – और संचरण के लिए एक समय को सुनियोजित किया है, जो की अब है|

तो, धन्यवाद! धन्यवाद उन सभी का, जो यहाँ हैं, यहाँ उपस्थित होने के लिए, ऊर्जा को पकड़े रखने के लिए, और जिस जगह से मैं आता हूँ, वहाँ से आप लोगों के साथ बातें करने का स्वागत करने के लिए| मैं आप से कई बार कह चुका हूँ कि मैं प्रकाश की दुनिया से आता हूँ| यदि आप चाहें तो आप इसे अपने मन में देख सकते हैं, और प्रकाश की दुनिया के बारे में विचार कर सकते हैं| यह वह जगह है जहां से आपकी आत्मा आती है!

क्योंकि यही तो आपके अस्तित्व की सत्यता है| या फिर आप अपनी आत्मा को ऐसा समझ सकते हैं जैसे वह आपका मार्गदर्शक है, क्योंकि आपने यही जीवन चुना है – इस भूमिका में – और पृथ्वी पर कुछ लोगों से मिलने के लिए, इसी व्यक्तित्व के साथ, इसी जीवन काल में|

आपकी आत्मा अनेक भूमिकाएँ निभा चुकी है, केवल इस पृथ्वी गृह पर ही नहीं | आपकी आत्मा दूसरे आयाम में और दूसरी दुनियाओं में भी रह चुकी है|

हमारा ध्यान इस समय – निस्संदेह – पृथ्वी गृह पर है|

जहां आप रहते हैं|

जहां आप अनुभव करते हैं|

जहां पर अन्य बहुत सारी आत्माओं से आप मिलते हैं, जो इस ब्रह्मांड व अन्य ब्रह्मांडों के अनेक जगहों से आयीं हैं| वे सब अलग अलग इतिहास से साथ आती हैं| वे यहाँ इसलिए आती हैं क्योंकि यह उनके लिए एक अवसर है भौतिक शरीर में रह कर इस पृथ्वी को अनुभव करने का|

वे यहाँ भावनाओं को अनुभव करने आई हैं – जो कभी कभी अत्यंत कष्टमय हो सकता है| क्योंकि आगामी समय में – जब आप इन कठनाइयों के पलों पर विचार करेंगे – आप पाएंगे कि आप इन सब के कारण और मजबूत हो कर उभरे हैं| बेशक वह कितना भी कठिन समय हुआ हो, आपको उसके अनुभव से अत्यंत लाभ होगा|

कुछ आत्मरूपी लोगों ने, जो यहाँ इस पृथ्वी पर आए हैं, कभी दर्द का अनुभव नहीं किया है; और यह एक ऐसा विषय है जिस के बारे में सोचा जा सकता है| यह बहुत सुखद अनुभव नहीं है| परंतु यह समझने का एक तरीका है जब आपको – कोई भी अनुभुति होती है – इस भौतिक शरीर में और आप उसको अनभव करते हैं| वही रहस्य है; यही भावनाएं ही सबसे महत्वपूर्ण हैं! क्योंकि उन लोगों के पास – जो दूसरे जगहों, अन्य गृहों से आयें हैं – यह नहीं है| उन्हे अनुभूति नहीं होती है| उन्हे कष्ट और पीड़ा का कोई अंदाजा नहीं है|

वे सब आनंदपूर्वक दुनिया में रह सकते हैं – वे प्रयोग कर सकते हैं – – और बहुत सारी चीज़ें कर सकते हैं – उस जगत में, जिसमे आप वर्तमान में मौजूद हैं – परंतु उनके यह कर्म प्रकाश की दुनिया में स्वीकार्य नहीं हैं|

यह कोई धारणा नहीं हैं, अपितु यह ऐसा ही है|

तो, यदि आप ऐसे लोगों से मिलते हैं, जिनहे आप देख सकते हैं कि उन्हे इस पृथ्वी पर अपना जीवन व्यतीत करने में कठनाई हो रही है, मैं चाहूँगा कि आप इनकी मदद करें| क्योंकि आप में से – ज़्यादातर लोग – इस पृथ्वी पर कई बार आए हैं| और आपने कई अलग अलग भावनाएं अनुभव किए हैं| और यह सारी भावनाएं आप अपने साथ ले जाते हैं जब आप यह शरीर, भौतिक शरीर छोड़ कर आत्म शरीर धारण करते हैं| यह भावनाएं आपके साथ रहतीं हैं और कभी कभी इन को उपचार की आवश्यकता होती है|

क्योंकि, हम यूं कह सकते हैं, विशालतर वर्णन यह है कि आपको इस अनुभव को समझना है, तभी आप उन्नति कर सकते हैं! यदि मैं यह बात कई और तरीकों से रख पता – आसान तरीकों से- कि आप कौन हैं| आपकी पृथ्वी पर यात्रा केवल एक दूसरे की मदद करने के लिये है, और अपने आप से प्रेम करना सीखने के लिए है| अपने आप से प्रेम करना| क्योकि जब आप अपने आप से समपूर्ण प्रेम करते हैं – किसी धारणा के बगैर – आप बड़ी सरलता से – जिस स्तर की ऊर्जा में आप इस समय हैं – वहीं से दूसरे लोगों की सहायता कर सकते हैं|

दूसरे भी, आप की देखा-देखी अपने आप को हर उस मोह से मुक्त होने में मदद करेंगे जिसमे उन्होने अपने आप को जकड़ रखा है, किसी धारणा की वजह से और इसकी वजह से सारी अटकी हुई ऊर्जाएँ मुक्त हो जाएंगी और यूंही |

यूंही बने रहेंगे|

यूं ही स्नेहमय जीव बने रहेंगे|

और अपने आप से भी स्नेह करते रहेंगे|

 

तो, मैं यहाँ आज प्रवचन देने नहीं आया हूँ| यहाँ आने का, आप से बातें करने का और यह जानते हुए कि मेरा यहाँ स्वागत किया जाता है, मैं ऐसे सुअवसर का स्वागत करता हूँ, जैसाकि मैं हरेक से पहले भी कह चुका हूँ| अब मैं यहाँ से जाना चाहूँगा परंतु छोड़ कर नहीं| दूसरे शब्दों में यदि कहा जाये – तो आप जब भी मेरा अहवान करना चाहेंगे, कृप्या करें! मेरे पास अनेक सहायक हैं- परंतु मैं सर्वव्यापी भी हूँ- तो आप जब भी चाहें मुझे अपने हृदय में पा सकते हैं|

तो इसे याद रखिए, इसे याद रखिए, जी हाँ, इसे याद रखिए |

परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों, परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें| धन्यवाद|

मैं परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ|❞


आप लौकिक साई बाबा से प्राप्त संचरण यहाँ सुन सकते हैं