❝मैं यहाँ हूँ! और मैं यहाँ बहुत प्रसन्न हूँ – क्योंकि मैं जानता हूँ कि यहाँ मेरा स्वागत किया जाता है! और यही बात बहुत प्रसन्नता देती है|
जब भी आप मेरा आह्वान करेंगे…मैं आऊंगा!
आप मेरी तरफ एक कदम बढ़ाइये, और मैं आपकी तरफ १०० कदम बढ़ाऊंगा – आपकी मदद करने के लिए – आप के लिए जवाब ढूँढने में – निर्णय लेने में आपकी सहायता करने – संकट की घड़ी में आप की मदद करने या फिर परामर्श देने के लिए|
मेरा परामर्श शायद उस प्रकार न हो जैसा कि आप उम्मीद करते हैं या चाहते हैं| परन्तु मैं आपके आश्वस्त कर सकता हूँ कि यह आपके हित में अवश्य होगा|
हमने पहले आत्मा से आती हुई चेतना के विषय पर चर्चा की थी| और यही आत्मीय चेतना आपके पास मौजूद ज्ञान और जानकारियों से भी अधिक प्राप्ति के द्वार खोलती है|
यह मस्तिष्क द्वारा परिचालित नहीं होती है, हालाँकि यह कुछ जानकारियां को ही संभाल सकती है| और जैसा कि मैंने आपसे पहले भी कहा है, यदि मस्तिष्क के लिए अधिक जानकारियां हो जाती हैं तो वह संभाल नहीं पाता है| यह एक तरीके से कंप्यूटर जैसा ही है, उससे अधिक भिन्न नहीं है| |
तो यह सब जानकारियां आत्मीय चेतना से आती हैं| यदि आप आगे बढ़कर यह सब पाना चाहते हैं… तो द्वार स्वयं ही खुल जाएंगे| यह सूचना करीब २००० वर्ष पूर्व, ईसा मसीह ने दी थी| और सन्देश कई दूत -या हम यूं कहें- प्रकाश पुंज के अन्य लोगों ने भी दी थी – जो इस पृथ्वी पर पृथ्वीवासियों को समझाने आये थे कि वे वास्तव में कौन हैं|
क्योंकि वास्तव में वे, केवल मस्तिष्क के साथ मौजूद एक भौतिक शरीर ही नहीं हैं| नहीं! बिलकुल नहीं| बल्कि वे आत्मा हैं – आत्मीय चेतना जो हर समय मौजूद रहती है| असल में यह हर समय आपको इशारा करती रहती है उन सब क्रियाओं की ओर जिनकी तरफ आपका ध्यान नहीं जाता है, जैसे कि आपके श्वास, दिल की धड़कन …. और आपके शरीर की अन्य स्वचालित क्रियाएँ| आत्मा के बिना यह सारी चीज़ें काम नहीं करेंगी|
क्योंकि, अंत समय पर जब आत्मा आपके शरीर को छोड़ कर जाती है, तो सब चीज़ें थम जाती हैं|
आत्मीय चेतना से आने वाली शिक्षा और सभी धर्मों की शिक्षण में कोई अंतर नहीं है| किन्तु यह निश्चित तौर पर धर्म नहीं है| बल्कि इससे कोसों दूर, यह आध्यात्मिकता है| यही तो आप हैं, आध्यात्मिक प्राणी|
आपने यहाँ कई जन्म पहले भी जीए हैं – और भविष्य में भी जीएंगे| सिर्फ भौतिक शरीर में ही नहीं, बल्कि और अन्य प्रकार की शरीरों में भी, जो दूसरी दुनियाओं व जातियों में विधमान हैं| आप के भीतर बहुत कुछ है – जो आप ढूंढ सकते हैं- यदि आप चाहें| या फिर आप सब कुछ यूं ही छोड़ देने का चयन कर सकते हैं….और सृजन के स्रोत से आप मदद की गुहार कर सकते हैं कि वे आप को सब कुछ भुला कर फिर से एक नयी शुरुआत करने में मदद करें – जैसे स्लेट से सब कुछ साफ कर दिया हो|
क्योंकि यह समय है बदलने का; यही पल है, जब सारे लोगों को चाहिए कि वे सभी आगे की ओर बढ़ें – अपने कंधों को पुराने कर्मों के कर्ज़ों से मुक्त करें – और नए युग की ओर अग्रसर हो जाएँ – स्वर्णिम युग जिस के विषय में कई वर्षों पूर्व भविष्यवाणी की गयी थी|
यह समय अभी है| यह समय आप सब पर आ रहा है – आपकी चेतना बढ़ रही है – लोग अब खुल कर गुप्त स्वरूपी चीजों के विषय में पहले से अधिक रुचि ले रहे हैं| यह कोई संयोग नहीं है| इस की वजह चेतना की ऊर्जा की बढ़ोतरी है| आपके अस्तित्व को पहचान देने वाली आत्मीय चेतना का पहले से अधिक तेज़ संचालन हो रहा है|
यह आप को ऐसा महसूस करा रही है कि आप के पास समय की कमी हो रही है- किन्तु ऐसा है नहीं| यह केवल ऊर्जा के माप के कारण टकराव है| एक बार आप अपनी आत्मा के चेतना में प्रवेश कर गए और उसके साथ तालमेल बैठा लिया, तो यह सब सामान्य लगने लगेगा – और यही विधिवत है – क्योंकि वही तो आप हैं|
जो भी आप से कहा है, मैं चाहूँगा कि आप इसका चिंतन करें| सृजनात्मक स्रोत से मदद मांगने के इरादे से सवाल पूछिये| कुछ इसे परमेश्वर कहते हैं| कुछ इसे शक्ति कहते हैं| यह उच्च प्रवर्ती के हैं क्योंकि यह ज्ञान से परिपूर्ण हैं – और एक ऊर्जा की भाषा भी है| इसे प्रकाश की भाषा भी कह सकते हैं| यह आपके ज़रूरत की, कई प्रकार से जानकारी दे सकती है| बस खुला दिमाग चाहिए|
आप इसपर अधिक दबाव मत डालिए, और न ही किसी उत्तर की उम्मीद रखिए| क्योंकि वास्तव में, ऐसा करने से आपको दिये गए उत्तर पर द्वार बंध करने समान होगा| तो अपने को अनिर्णित रखिए| परमात्मा से बस आप इतना मांगिए कि उनका प्रेम आपके चारों ओर और आपके भीतर हमेशा बना रहे|
यही एक तरीका है जिस की मदद से आप अपने भीतर सच्ची स्वतन्त्रता पा सकते हैं|
धन्यवाद मेरे बच्चों, मुझे यहाँ पर बुलाने के लिए धन्यवाद|
मैं परमात्मा, आपको आशीर्वाद देता हूँ| ❞
लौकिक साईं बाबा से प्राप्त इस प्रसारण को यहाँ सुन सकते हैं: