७ जून २०१६

वैलेरी: आज मंगलवार ७ जून २०१६ है, और हम असीम प्रेम और बड़े आदर के साथ लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं| धन्यवाद|

“आज कुछ अलग सा है – लौकिक साई बाबा कह रहे हैं कि आज कोई और यहाँ आना चाहता है – यह मेरे लिए अचरज की बात है – मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि कौन होगा … …

 

मुझसे कहा गया है कि बस बोलते रहो…..

 

जैसाकि मैंने कहा है, हमें आम-तौर पर लौकिक साई बाबा के संचरण प्राप्त होते हैं परंतु वे मुझे किसी और के संचरण प्राप्त करने के लिए कह रहे हैं; और ऐसा यह पहली बार हुआ है जो मुझसे बदलाव के लिए कहा जा रहा है| मुझे नहीं पता कि यह लंबे समय के लिए है – या फिर सिर्फ आज के लिए|

वे कह रहे हैं कि सिर्फ आज के लिए…. तो मैं यहाँ यूंही बैठ कर सोच रही हूँ और मुझे एक उपस्थिती का एहसास हो रहा है

(एक ज़ोर के झपटे के समान, मैं अधीन हो गयी – अपने आप को थाम कर बैठिए, उनकी उपस्थिती बहुत ही ज़ोर-शोर से आई थी …)

मैं मिकाइल हूँ, महादूत मिकाइल और मैं आया हूँ….मैं आया हूँ, क्योंकि पृथ्वी को पीड़ा हो रही है| और उसपर जो लोग हैं वे उसकी देखभाल नहीं कर रहे हैं|

यह एक विनती है, जो देवदूतों के क्षेत्र से आ रही है और प्रचण्डता से आ रही है|

क्योंकि. मैं. चाहता. हूँ. कि. आप. सुनें. और. ध्यान. दें. और. रक्षा. करें.

तुंहारे. धरती. माँ. की. वह. गृह. जिसे. आप. पृथ्वी. कहते. हैं.

यह. मेरा. संदेश. है. कृप्या. सुनिए. और. वह. सब. करीए. जो. आपको. करना. चाहिए. पृथ्वी. की. सहायता. करने. के. लिए.

उसे. पोषित. करने. के. लिए. और. उससे. प्रेम. करने. के. लिए. और. उसकी. देखभाल. करने. के. लिए.

धन्यवाद.


आप महदूत मिकाइल का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं:



 

परिशिष्ट

NB: ध्यान दीजिये: एक साल पूर्व, फ़्रांस में, हमारे ठहरने के दौरान, ७ जुलाई २०१५ ,का लौकिक साई बाबा द्वारा दिया गया प्रसारण आप संभव्ता: पढ़ना (और सुनना) चाहें|