०६.०५.२०१४

आज, ६ मई २०१४ को हम लौकिक साईं बाबा का आह्वान करते हैं – आज बुद्ध के ज्ञानोद्दीप्ति का दिन भी है…. जो उनके जनम दिवस के रूप में भी मनाया जाता है |

“मैं यहाँ हूँ! और यहाँ बहुत प्रसन्न हूँ | वास्तव में, मैं यहाँ शुरू से था | बहुत रूचि के साथ आपकी बातें सुन रहा था |

मैंने पहले भी आपको बताया है कि हम आपके चारों ओर विचारों के समूह को तरंगित करते हैं और जो विचार आपको आते हैं, वास्तव में, आपके मस्तिष्क में वह तरंगित किये गए हैं और यदि आप इन्हें स्वीकारते हैं; तो यह आपके हो जाते हैं, आप यह समझ सकते हैं | हम आपके भीतर किसी भी कार्मिक मूलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं| हम आपकी सहायता कर रहे हैं| और हम मानव जाति की सहायता तब से कर रहे हैं जब से इस पृथ्वी ग्रह पर उसकी शुरुआत हुई थी|

मानव को विकसित एवं संक्रमणित होने में काफी समय लग गया – और अब मैं कह सकता हूँ कि आप पूर्ण रूप से उस आयाम कि ओर अग्रसर हुए हैं जहाँ आप को अपने-आप व अपनी चेतना को समझने में आसानी होगी और यह जान पाएंगे कि आप वास्तव में कौन हैं| और फिर वहां से अदनवाटिका जैसा वातावरण इस धरती पर बनाने के लिए कार्य कर सकते हैं|

मैंने आप से पहले भी कहा है कि अदन एक ध्वनि, एक कंपन है जो उस स्तर पर पहुँच जाता है जहाँ पर चित्रण और निर्माण होते हैं|

और मैं यह इस लिए कह रहा हूँ क्योंकि यहाँ संगीत, रंगों और ध्वनि की चर्चा हो रही थी कि यह सब कंपन है और यही स्पंदन, निर्माण में सहायक होगी| यदि आप में, रंगों और ध्वनि से निकलती हुई तरंगो को महसूस करने की क्षमता है तो यह आप सब के जीवन को और और सरल बना देंगी| आप आगे की ओर अग्रसर हो पाएंगे| और आपका जीवन वास्तव में बहुत सरल हो जाएगा क्योंकि आपकी चेतना उस कंपन के साथ जुड़ जायेगी|

और उस स्पंदन में, पृथ्वी पर प्रत्येक आत्मा की आवश्यकता अनुसार हर चीज़ स्थित है| मैं चाहूंगा कि आप इस के बारे में सोचें|

यदि आपको ऐसा लगता है, आप उलझन में हैं या दुखी या चिंतित हैं, तो अपने सृजनकर्ता से इन ऊर्जाओं से मुक्ति की मदद मांगिये- आप सरलता से मुक्त हो जाएंगे, यह मेरा आश्वासन है – वहां से आप आगे की ओर बढ़ सकते हैं| और फिर आप वैसे ही हो जाएंगे जैसा कि हम सब चाहते हैं – जहाँ भी हम हों – जिस ब्रह्माण्ड में भी हम रहें – बिलकुल मुक्त!

आप के पास चयन करने की स्वतंत्रता है | आपको अपनी इच्छा से काम करने की स्वतंत्रता है| तो यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने आप से कैसे काम करवाते हैं……अपने आप को कैसे स्वतंत्र करते हैं…..और अपने चारो ओर फैली ऊर्जा से, आपको सही जगह ले जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं |

धन्यवाद मेरे बच्चों| धन्यवाद| जाने से पहले मैं उन सब खूबसूरत लोगों को आशीर्वाद देना चाहूंगा जिन्होंने मुझे इ-मेल भेजे हैं| इनमें उनके कृतिज्ञता के शब्द और चिंताएं हैं| और मैं उन सब को आश्वस्त करना चाहूंगा कि मैं उनके साथ हर समय रहता हूँ और जैसे ही वे मुझे पुकारेंगे मैं वहां उपस्थित मिलुंगा | तो कृपया इसे स्वीकार करें और भरोसा रखें | मैं आप सब से बहुत प्रेम करता हूँ | मैं आप सब से वादा करता हूँ कि मैं आप सब को कभी छोड़ कर नहीं जाऊँगा और आप जब भी मुझे पुकारेंगे अपने पास हैं पाएंगे | यह याद रखिये, यह याद रखिये, यह याद रखिये|

धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद|

मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ|


आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं:
 

 
यह एक 4.33 एमबी की एमपी ३ फाइल है, बजाने का समय 4.43′ है

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