२ फ़रवरी , २०१५

नौ बार ॐ के जप के साथ हमने यह सभा आरम्भ की|

हम लौकिक साईं बाबा का आह्वान करते हैं  और यहाँ उनकी उपस्थिति का स्वागत करते हैं|

मैं यहाँ हूँ! और यहाँ आकर बहुत प्रसन्न हूँ| मुझे बुलाने के लिए धन्यवाद|

आज सुबह, आप लोगों के बीच बहुत सारे विषयों के बारे में बातचीत हुई – बहुत सी बातें जिन्होंने आपकी एवं अन्य आत्माओं के अस्तित्व के बारे में आपको जानकारी दी| क्या यह सत्य नहीं है?

क्योंकि, इस धरती पर स्थित हर प्राणी के पास एक आत्मा है – और प्रत्येक आत्मा के साथ एक समझौता है – और इस समझौते के कारण वे अपनी यह जान पाते हैं कि कौन उनकी माँ, पिता और परिवार के अन्य लोग होंगे| और शायद – उनके कर्मों को संतुलित करने की आवश्यकता है –  और मैं इसे प्रेम भाव से वर्णन कर रहा हूँ |

पृथ्वी पर सभी लोगों को एकीकृत होकर एकता प्राप्त करने का यह एक तरीका है; क्योंकि जब एक परिवार में जन्म लेते हैं – परिवार प्रेमस्वरुप है – वह स्वचालित है, उसे माता पिता और पैदा हुए बच्चे की आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त है| यदि मैं इसे इस प्रकार से कह सकूँ, तो प्रेम वास्तव में, पुराने कर्मों के ऋणों को चुकाने में मदद करता है|

तो, मेरे प्यारों, आप बहुत ही रोचक विषय में बात चीत कर रहे थे और मैं इस पर किसी और दिन बात करना चाहूंगा

आज का मेरा सन्देश है कि – पृथ्वी हमेशा की तरह आगे की ओर अग्रसर हो रही है| और कभी कभी लोग भी कहते हैं “समाचारपत्र, रेडियो अथवा टीवी पर देखो!” और अपने मन में सोचते हैं कि “कहाँ या कब एकता इस पृथ्वी पर विद्यमान होगी? और कब तक लोग आपस में एक दुसरे के साथ लड़ना-झगड़ना,बहस करना और नुक्सान पहुँचाना बंध करेंगे?”

यहाँ प्रस्थान से पहले, जो सब आत्माओं ने आपस में समझोता किया था – कि वे इस पृथ्वी गृह पर एकता लाने में मदद करेंगे| और एक दुसरे का आदर सम्मान करेंगे, एक दुसरे को सुनेंगे…शायद एक दुसरे से अहसहमत हों…किन्तु फिर भी एक हो कर रहेंगे …..जो भी कुछ पृथ्वी पर होगा वह पृथ्वी गृह, धरती माँ और सभी के सृजनकर्ता के प्रति आदर भाव से होगा|

आज का सन्देश छोटा है, क्योंकि वैलेरी (अपने पति के साथ) जल्द ही फ्रांस की यात्रा पर रवाना होंगी, और वे वहां ६ महीने रहेंगी| जो लोग यह सन्देश सुन रहे हैं, उन्हें बताना चाहूंगा कि वे वहां पर भी मेरे संदेशों को प्राप्त कर पाएंगी| और वह सारे सन्देश वेबसाइट पर डाल दिये जाएंगे जिससे आप सब उन्हें पढ़ पाएंगे| परन्तु पत्रों को मुझ तक पहुँचने में परेशानी आएगी, इसलिए मैं सभी लोगों से कहना चाहूंगा कि कृपया  कुछ समय – ६ महीनों- के लिए पत्र न लिखें| और मुझसे अपने हृदय में सीधा वार्तालाप करें|

क्योंकि जैसे ही कोई मेरा नाम – लौकिक साईं बाबा – पुकारता है, मैं तुरंत ही उपस्थित हो जाता हूँ| शायद इसपर विश्वास करना मुश्किल है, किन्तु यदि आप इसका थोड़ा अभ्यास करें, तो आप जान जाएंगे| तो कृपया इस बात को समझिए कि आपको सिर्फ मेरे नाम को पुकारना है और मैं वहां उपस्थित हो जाऊँगा|

तो आज, मैं उन सब को आशीर्वाद देता हूँ जिन्होंने मुझे पत्र लिखे हैं और मैं उन्हें यह बताना चाहूंगा कि वे सदैव मेरे दिल में वास करते हैं | और मैं उनकी हर मुमकिन तरह से देखभाल करूँगा| तो कृपया आप मुझ तक पहुंचें – और मेरे प्रेम का अनुभव करें| क्योंकि मेरा प्रेम पूरी पृथ्वी, इस गृह, और उसमे सभी छोटे – बड़े जीवों तक फैलता है| मेरा प्रेम सब के लिए है|

मैं आपको धन्यवाद देता हूँ, मेरे प्यारे बच्चों, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ| मैं आपको धन्यवाद देता हूँ|

परमात्मा आपको आशीर्वाद दें| परमात्मा आपको आशीर्वाद दें|”


आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं: