६ मई २०१५

वैलेरी: आज हम लौकिक साईं बाबा का आह्वान करते हैं और उनके आगमन पर स्वागत करते हैं|

❝मैं यहाँ हूँ! और यहाँ आकर बहुत प्रसन्न हूँ|

मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता होती है … कि लोगों में बदलाव आ रहा है, वे ऊर्जा के प्रभाव के बारे में (जैसा वैलेरी कहती हैं) सोचने-समझने लगे हैं, और कैसे यह आप पर प्रभाव डालती है..कैसे यह आपको दुखी करती है – कैसे आप इसे बदल सकते हैं और अपने आप को सुखी कर सकते हैं|

यहाँ तक स्वयं को सुखी मानने भर से भी, कुछ समय के लिए यह मदद कर सकती है – क्योंकि तब चीज़ें आप के सामने से गुज़रती हैं परन्तु अधिक परेशान नहीं करतीं| और यही एक तरह का बेहद जागरूक ध्यान है जहाँ आपकी आत्मा आपके चारों ओर देख पाती है – परन्तु – अब आप अपनी नई आँखों से देख रहे होते हैं|

आप अब आनंदित दृष्टि से देखते हैं| आप कि आखें वही देखती हैं जो चीज़ें अच्छी हैं…..आनंदित परिवार …पालतू जंतु….जो अपने प्रियजन को देखकर प्रफुल्लित होते हैं … और अच्छे आचरण के बच्चे…मुस्कराते हुए आपको देखते हैं! आप यह सब उनकी आँखों में देख सकते हैं… कि यही राज़ है|

यदि वे मुस्कराते हैं, और आप लोगों की आँखों में मुस्कराहट देखते हैं – आपको यह चिंता नहीं होती है कि उनके मन में कोई भेद या कुविचार हो सकता है जो उन्हें नीचे कि ओर खींच रहा है…क्योंकि आँखें आपकी आत्मा की खिड़की हैं| यह सिर्फ एक कथन नहीं हैं, यह सत्य है; यह सत्य है| और आप लोगों की आँखों में झांककर यह बता सकते हैं कि उन्हें कैसा महसूस हो रहा है|

और लोगों की आँखों में चमक होती है! वे हँसते हैं और उनकी आँखें चमकने लगती हैं! आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि वे भीतर से खुश हैं| और यह यही पथ है, इन दिनों में हर एक की ज़रुरत है – कि वे भीतरी शान्ति की खोज करें| वह भीतरी शान्ति, वह वात्सल्य; अपने आप से प्रेम करने का …. जिस के कारण इन के चारों ओर का वातावरण प्रभावित होता है| और आप उनको सब से प्रेम करने में मदद कर सकते हैं|

यही राज़ है ….शांति, तालमेल ….खूबसूरती का| उन्हें सिर्फ उसपर ध्यान केंद्रित करना है – तनाव मुक्त रखने के लिए … हमारे मात-पिता परमेश्वर पर केंद्रित करने के लिए, सब का सृजन जो हम सब के भीतर है क्योंकि आप उन्हीं की संतान हैं – वह ऊर्जा आपके भीतर है| और फिर यह जानिये कि आप स्वयं परमेश्वर हैं! और उस जगह से आपको बहुत गहरी शान्ति और ख़ुशी का अनुभव होगा|

मैं आप सब से विदा लेता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आपने मेरा सन्देश सुना होगा, और मैं प्रार्थना करता हूँ कि आपको ढेर सारी खुशियों की प्राप्ति होगी…और इस पृथ्वी पर परमेश्वर का सही अर्थ भी पता चलेगा|

जैसा कि असल में है|

यह आपके चारों ओर हैं| यह सब में है|

यह एक ऊर्जा है, यह एक शक्ति है; यह वह है जो बढ़ता जा रहा है| यह जीवन में निरंतर बढ़ता जा रहा है…


परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों| परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें|❞


लौकिक साईं बाबा से प्राप्त इस प्रसारण को यहाँ सुन सकते हैं: