०४.०२.२०१४

( संचरण शुरू होने से पहले, एक नए आगंतुक के साथ हमने काफी देर तक चर्चाएं की| )

सादर प्रेम और आदर भाव के साथ हम लौकिक साईं बाबा का आह्वान करते हैं |
“ मैं लौकिक साईं बाबा हूँ और यहाँ आकर बहुत प्रसन्न हूँ| मैं कुछ समय से इंतजार कर रहा था, परन्तु कोई बात नहीं – बहुत अच्छा होता है जब आप ज्ञान को बांटते हैं और चीजों के बारे में बात करते हैं क्योंकि इस से अधिक सोच, अधिक सवाल और अधिक ज्ञान उत्पन्न होने में मदद मिलती है – खासतौर से तब, जब आप अपने मित्रों के साथ बांटते हैं|

यह धरती अभी भी अव्यवस्थित है….. और मैंने आपसे वादा किया है कि यह व्यवस्थित और संतुलित होने लगेगी| इसमें निश्चित रूप से कुछ समय लगेगा, लेकिन आप बहुत जल्द ही इसे देख पाएंगे – मैं जानता हूँ कि आप “बहुत जल्द” शब्द से आशंकित हैं क्योंकि हम इसे दूसरे लोकों के संदर्भ में इस्तेमाल करते हैं और हमारा समय मापन आपकी धरती के समय माप से भिन्न है| मुझे इसका ज्ञात है….. लेकिन मुझ पर भरोसा रखें ! हार न मानें !…. सभ कुछ बदल रहा है और यह इतनी तेज़ी से बदल रहा है कि इसे व्यवस्थित और एकीकृत करने के लिए कुछ समय लगेगा |

आप जिस प्रत्येक वस्तु के बारे में सोचते हैं या चिंता करते हैं वे सब बदल रहे हैं| तो विश्वास रखें – परिवर्तन आ रहे हैं | धीमे-धीमे, लेकिन निश्चित रूप से | और शायद सबसे धीमी गति से मानव-मन के भीतर ही होगा|

मैंने पहले भी आपसे कहा है, आपका मस्तिष्क एक कंप्यूटर की तरह है और इसलिए आपके समझने के लिए उसमें कई प्रकार की चीज़ें उभरती रहती हैं | जब भी कोई विचार आपके मस्तिष्क में आगे आता है, यह एक अवसर प्रदान करने जैसा ही है जिसमे आप ‘नष्ट’ का बटन दबा देते हैं और उसपर अधिक ध्यान नहीं देते – या फिर उसपर विचार करने की कोशिश करते हैं- बल्कि, यदि यह एक नकारात्मक ऊर्जा है, एक नकारात्मक विचार, तो बस इसे नष्ट कर आगे बढ़ जाएँ |

क्या मैं अपने आप को समझा पा रहा हूँ? मैं उम्मीद करता हूँ क्योंकि यह बहुत सरल है| यह आपके मस्तिष्क को पुनः प्रोग्रामिंग करने जैसा है| और ऐसा करने से – स्वभावतः आप अपने शरीर में स्थित आत्मीय चेतना से जुड़ जाते हैं – लेकिन यह एक अन्य दुनिया में है| क्योंकि आपकी आत्मा ही (जैसा कि मैंने पहले कहा है) आपके भौतिक शरीर में उस ऊर्जा को पकड़ कर रखती है जिसे हम प्राण कहते हैं – जो आपकी आत्मा बन गयी है|

तो अब मैं आप सब से कहना चाहूंगा कि उन्नति करें … … और जो अनावश्यक है उस पर समय नष्ट न करें| क्या आप इसका कुछ मतलब समझ पा रहे हैं?

यह एक अवसर है, अपने और अपनी आत्मा के अतीत एवं सारे इतिहास से मुक्ति पाने का, या यूँ कहें ” ज़िन्दगी के ब्लैकबोर्ड को साफ़ सुथरा करने का”| आपको सब कुछ रिहा कर देना चाहिए| क्योंकि यह आपके शरीर की कोशिकाओं के माध्यम से आप को प्रभावित कर रहा है| इसकी वृद्धि आपके शरीर के भीतर ज्ञान के रूप में हो रही है….. तो यदि आप अपने मस्तिष्क में आये हर एक नकारात्मक विचार को रिहा कर दें … … आप बहुत जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे|

यही तो मैं आपसे कह रहा हूँ: आपके समक्ष एक अवसर है, अपने पीछे द्वार बंध करके पूरी तरह से नई दुनिया कि ओर प्रस्थान करने का| यह सब आपका है – आपके द्वारा सृजन किया हुआ| आप इसका निर्माण कर सकते हैं – यह आप पर निर्भर है कि आप इसका कैसे निर्माण करते हैं|

यही तो मैं आपसे कह रहा हूँ: आपके समक्ष एक अवसर है, अपने पीछे द्वार बंध करके पूरी तरह से नई दुनिया कि ओर प्रस्थान करने का| यह सब आपका है – आपके द्वारा सृजन किया हुआ| आप इसका निर्माण कर सकते हैं – यह आप पर निर्भर है कि आप इसका कैसे निर्माण करते हैं|

आपको अपने विचारों के साथ छोड़कर अब मैं प्रस्थान करना चाहूंगा| मैं भाषण देने नहीं आया हूँ … … मैं आपको अपना असीम प्रेम देने आया हूँ – जो हमेशा उपलब्ध है| आपको सिर्फ मेरा आह्वान करना है और मैं वहां प्रकट हो जाऊँगा|

धन्यवाद मेरे प्यारे बच्चों, लेकिन जाने से पहले मैं उन सभी को आशीर्वाद देना चाहूंगा जिन्होंने मुझे पत्र लिखे हैं और उन्हें आश्वस्त करना चाहूंगा कि मेरा प्रेम और संरक्षण हमेशा उनके साथ है और यह जानिये कि मैं हमेशा आपके साथ हूँ| मुझे लिखने के लिए मैं सबका आभार प्रकट करता हूँ- और आप हमेशा मेरे विचारों में रहते हैं| मैं आपको आशीर्वाद देता हूँ; मैं आपको आशीर्वाद देता हूँ मेरे बच्चों, मैं आपको आशीर्वाद देता हूँ|

धन्यवाद

मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ||


आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं:
 

 
यह एक 4.7 एमबी की एमपी ३ फाइल है, बजाने का समय 4.50′ है

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