२ फरवरी २०१६

Valerie: वैलेरी: आज हम लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं|और हम उनका स्वागत, प्रेम भरे हृदय के साथ करते हैं|आज २ फरवरी २०१६ है, और हम मॉस घाटी, ऑस्ट्रेलिया में मिल रहे हैं|

❝मैं यहाँ हूँ, और यहाँ पर बहुत प्रसन्न हूँ| मुझे उन लोगों के साथ बातें करते हुए बहुत प्रसन्नता होती है, जहां मैं जानता हूँ कि मेरा स्वागत होगा और मुझे स्वीकार किया जाएगा|

क्योंकि मैं प्रेम का संदेश लेकर आता हूँ| प्रेम का … … एकता, करुणा, विनम्रता और लोगों का ध्यान रखने का|

यह प्रेम सारी सृष्टि में विद्यमान है|

यदि वे अनुमति दें – तो यह ऊर्जा सबके भीतर व्याप्त होती है| इस पृथ्वी पर पैदा हुआ हर एक बच्चा इस ऊर्जा के साथ पैदा होता है| तो दुष्ट बच्चे जैसा कुछ चीज़ का सवाल ही नहीं उठता ….. बल्कि इससे कहीं दूर – यह बड़े होकर जो कार्य करते हैं, वे दुष्ट कार्य कहे जाते हैं|

किन्तु वे भूल गए हैं कि वे कौन हैं – उनके पास अपनी सोच ऐवम प्रतिक्रिया को बदलने का एक सुअवसर, हमेशा मौजूद रहता है| असल में, स्वयं के भीतर पर प्रथम शोध होना चाहिए| स्वयं के भीतर, जो आपको आप के बारे में बताता है| और यह सब जानने के बहुत से तरीके हैं|

मैं आपको शोध करने के लिए प्रेरित करना चाहूँगा – उन सारी चीजों का ध्यान रखें जो आपके चारों ओर से आप के पास आती हैं – आपको प्रेरित करने – शोध करें – या छान बीन करें – उन सब बातों को जो आपके भीतर चल रही हैं| क्योंकि आपकी भावात्मक प्रतिक्रिया ही आपको संकेत देगी कि आपको किस चीज़ को देखना है और संभवतः अपने भीतर बदलाव करना है|

आप एक शीशे की तरह हैं – यदि लोग बदलना चाहें और यह पता लगाना चाहें कि उन्हें क्या पीड़ा है, वे पूछ सकते हैं| बस इतना ही उन्हें करना है| आप परमेश्वर या स्रोत से आती हुई ऊर्जा से उस मार्ग को ढूंढने, जानने और समझने की मदद मांगिए|

और वहाँ से – जिन ऊर्जाओं की, उनके भीतर आवश्यकता नहीं हैं, उन्हें मुक्त किया जा सकता है और उसके बदले में प्रेम की ऊर्जा को भरा जा सकता है| और जैसा मैंने पहले भी कहा है, जो करुणा और दूसरे को सहारा है|

एक दूसरे की मदद करने के लिए ही आप यहाँ पर आयें हैं| इसका एहसास कीजिये – इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कर रहे हैं या कहाँ पर हैं – दूसरों की मदद करना बहुत सरल है – शर्म या डर की वजह से पीछे नहीं हटना चाहिए – बस कार्य कीजिये, यदि मैं इसको इस तरह से कह पाऊँ, नम्रता और प्रेम के साथ और कदाचित हल्का सा स्पर्श भी लोगों को मदद करने के लिए काफी है| निस्संदेह बहुत सारे लोग|

इन सब चीजों के साथ मैं यह कह सकता हूँ कि आप के भीतर एक भाषा है – रोशनी की भाषा – एक परिकल्पना – छवियों का पूरा समूह| और यदि आप शांत बैठकर उस के साथ काम करते हैं, आप अपने भीतर और पृथ्वी पर बदलाव ला सकते हैं – सारी घटनाक्रम या छवियों में बदलाव देखते हुए जैसा आप उन्हे देखना चाहते हैं|

तो अपना पूरा ध्यान, सब के सृजनात्मक स्रोत पर लगाइए – बस इतना ही आपको करना है – यदि आप इन्हें भगवान या परमात्मा कहना चाहें – तो कृप्या कहिये| यदि आप इन्हें शक्ति कहना चाहें – तो कृप्या कहिये| यदि आप इन्हें दिव्य मण्डल कहते हैं – बहुत से जीव हैं जो स्रोत से साथ नजदीकी से काम कर रहे हैं, वे आपकी मदद करेंगे| तो अपने आप को बदलने के लिए आप उनका आह्वान कीजिये आपके मन के भीतर की रचना को प्रत्यक्ष प्रकट करने के लिए – यह संभव है|

यदि आप चाहें सम्भवत: आप चमत्कार कर सकते हैं – यदि आप विश्वास करें – और आप भीतर से जानते हैं कि आप ऐसा कर सकते हैं|

तो कृप्या प्रार्थना कीजिये, और उन छवियों का इस्तेमाल करिए जो आप देख रहे हैं या महसूस कर रहे हैं या जिसके बारे में आप जानते हैं – यह पृथ्वी पर हो सकते हैं और हैं भी….. जैसा की आप जानते हैं होना चाहिए| और अपने दिल की गहराइयों से, आप ऐसा चाहते भी हैं|

मुझे सुनने के लिए धन्यवाद मेरे बच्चों, और मैं जानता हूँ कि आप, पृथ्वी पर शांति, समन्वय और सद्भावना बनाने के लिए – निरंतर कार्य करते रहेंगे ठीक वैसे ही जैसा आप अब कर रहे हैं|

धन्यवाद|

परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों, परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें,

मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ| ❞


आप लौकिक साई बाबा के संचरण को यहाँ सुन सकते हैं: