१ नवम्बर २०१६

वैलेरी: हम ने कमरे की ऊर्जा को शांत करने के लिए हमने ९ बार ॐ का उच्चारण किया| यह बहुत ही बढ़िया तरह से काम करता है|

आज पहली नवम्बर २०१६ है| और हम प्रेम व सम्मान के साथ अपने समक्ष, लौकिक साई बाबा का अहवान करते हैं|

❝मैं यहाँ हूँ| और मैं यहाँ आकार बहुत प्रसन्न हूँ| यह मैं आपसे पहले भी कह चुका हूँ कि मैं यहाँ कुछ समय से हूँ और आपके वार्तालाप को सुन रहा था|

और मैं आपकी भावनाओं का आदान प्रदान सुन कर अत्यंत प्रसन्न हूँ – और जो लोग वैबसाइट पर जाने वाले यह संचरण को पढ़ रहे हैं – उनको प्रोत्साहित करना चाहूँगा कि वे भी आप लोगों की तरह से गोष्ठी करें| और उसमें परमात्मा या सब के सृजन के स्रोत का अहवान करें – आपको बस इन्ही के साथ जुड़ना चाहिए और सर्वोच्च क्रम का अहवान करना चाहिए – यदि चाहें, तो आप मुझे भी बुला सकते हैं या दिव्य लोकों से किसी भी अन्य को, एक प्रकाश की दुनिया के किसी भी प्राणी को, जिसके साथ आप पहले काम कर चुके हों और आपका विश्वासपात्र हो|

यही सब वस्तुएँ आपकी मदद कर सकती हैं, क्योंकि हम सब इस पृथ्वी गृह पर पृथ्वीवासियों की मदद करने के लिए आए हैं, ताकि वे अपने आप को विकसित कर पाएँ|

मैं इसे गृह इस लिए कह रहा हूँ, क्योंकि इस समय मैं इस गृह पर विचरण कर रहा हूँ| मैं दुबारा भी यहाँ आ सकता हूँ जैसे और अन्य परग्रही उद्भव स्थान से आते हैं| यहाँ पर यह समझने की ज़रूरत है की आपकी पृथ्वी पर हर एक चीज़ को ‘पार्थिव’ कहते हैं|

तो जो कुछ भी आपकी पृथ्वी का नहीं है – या फिर आपकी पृथ्वी पर स्थित नहीं है, वह परग्रही ही है| यह इतना सरल है| इसमे ऐसा कुछ नहीं है जिससे आपको संकोच हो या फिर चिंता होनी चाहिए| जैसा कि मैंने पहले भी आपको बताया है, दूसरी दुनियाओं में और अन्य गृहों पर बहुत सारी अन्य जातियाँ वास करती हैं|

यह आपको तब समझ में आएगा और इस बात का एहसास तब होगा, जब विज्ञान और प्रगति करेगा और आकाशगंगा का अन्वेषण करेगा, और वे ढूंढ पाएंगे कि ….. वहाँ पर और भी बहुत कुछ है जो आपकी सोच से परे है| उनके पास ढूंढने की तकनीक है| और यह तकनीक और भी बड़ी होती जाएगी| यह पिछले 5 से 10 साल से ही तकनीकी और ज़्यादा विशाल होती जा रही है|

तो कृप्या परग्रहियों के बारे में चिंता न करें – वे इस गृह को हथियाने नहीं आ रहे हैं| कुछ थे जो ऐसा करना चाहते थे – परंतु वह समय अब निकल चुका| एक समय था – परंतु अब नहीं है| उन लोगों को अब आकार हथियाने की अनुमति नहीं है|

यह विश्वनियम के विरुद्ध है और इस बात का समर्थन किया जाएगा|

तो मैं चाहूँगा कि आप इस पर विचार करें| हथियाने की मंशा से आकाशगंगा में कोई युद्ध नहीं होगा और न ही आपकी पृथ्वी पर …..कतई नहीं| परंतु हाँ, ऐसे भी लोग मौजूद हैं जिन्हें आत्मबोध हो गया है और वे बुद्धिमान और अनुभवी भी हैं क्योंकि वे इन सब चीजों से गुज़र चुके हैं, जिनसे अब पृथ्वी गृह को गुजरना पड़ रहा है – और उन्हें ज्ञात है कि युद्ध से कुछ भी सुलझने वाला नहीं है, ताक़त के दुरुपयोग से कुछ भी सुलझने वाला नहीं है – ज्यादे धन के उपयोग से भी कुछ भी सुलझने वाला नहीं है, बल्कि इससे उलट ही होगा|

किन्तु धन का अस्तित्व तो है….. बिक्री के भुगतान में…..जितना भी आपकी पृथ्वी पर मौजूद है, इसलिए इसके साथ ऊर्जा के रूप में ही बर्ताव करें – इसका दुरुपयोग न करें – इसको बाटें – और इसको बहने दें, ठीक उसी प्रकार जैसे आपको अपने विचारों को बहते देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है| और उन वस्तुओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करें जो सकारात्मक हैं क्योंकि पृथ्वी पर बहुत सारी नकारात्मक चीज़ें भी हैं| यदि आप अपना ध्यान उसी दिशा में केन्द्रित करते हैं तो आप अपनी ऊर्जा केवल नकारात्मक वस्तुओं को ही देते हैं| इसे अपने विचारों में यह सब कतई न आने दें|

आप अपना प्रेम बाँटिए – आपका सार्वलौकिक प्रेम जो आपके हृदय में बसता है, क्योंकि आप परमात्मा के अंश हैं| यह सारी बातें आज सुबह ही की जा चुकी हैं – आप सार्वलौकिक जीव हैं, आप हम सब के सृजन के स्रोत से आए हैं|

आप परमात्मा का अंश हैं, आप के पास वह सामर्थ्य है जिस की वजह से आप अपने विचारों में और कार्यों को करने में असीमित हो सकते हैं| किन्तु हमेशा सही नतीजों के साथ। क्या मैं आपको कुछ समझा पा रहा हूँ?

मैं चाहूँगा कि आप इसके विषय में विचार करें – और दूसरों को भी विचार करने के लिए प्रेरित करें| आप के पास कई धर्म हैं जो आपको यह सब सिखाते हैं| और सारे धर्मों का कार्य भी यही है| दुर्भाग्य से कई सारे ग्रंथ खो गए हैं – तो आपको अपने अन्तर्मन में जाने की आवश्यकता है – अपने अंतरात्मा में – जो आपके हृदय का स्थान है और अपने भीतर की आवाज़ को सुनिए क्योंकि आपके जवाब सब वहाँ हैं|

वहीं पर आप को सही निर्णय लेने का ज्ञात होगा|

धन्यवाद मेरे बच्चों|

और परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें, परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें, परमेश्वर आपको आशीर्वाद दें|❞


आप लौकिक साई बाबा से यह संचरण यहाँ सुन सकते हैं: