२७.०६.२०१४

शुक्रवार २७ जून २०१४ को मॉस घाटी लौकिक साई बाबा से सुबह ११ बजे से प्राप्त संचरण |

जॉन (मेरे पति) और मैं एक साथ बैठ कर लौकिक साईं बाबा का आह्वान कर रहे थे – हम ने पहले से ही “उनसे बात करने के लिए सुबह का समय निर्धारित किया था” |
 
लौकिक साईं बाबा: “मेरे प्रियजनों, मैं यहाँ हूँ, मुझे आज यहाँ बुलाने के लिए धन्यवाद … और मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि आज आप दोनों यहाँ पर विराजमान हैं क्योंकि यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण संदेश है जो मैं घोषित करना चाहूंगा, यदि आप मेरे संदेश वाहक बनने को तैयार हैं |
 
और खैर, जॉन आपके पास कोई सवाल है?

 

जॉन: हाँ, क्या आप हाल ही में, कोडईकनाल, भारत में १५० लोगों के बीच तेजोमय शरीर के रूप में प्रकट हुए?

लौकिक साईं बाबा: : हाँ, वास्तव में मैं प्रकट हुआ था, और यह एक घोषणा की तरह से लोगों में फैल गया – मैं लोगों को बताना चाहता था कि मैं अब भी उन लोगों के बीच में हूँ और वे मुझे देख सकते हैं – और यह सब तब होता है जब हम ‘उच्च आवृति’ कि ओर बढ़ते हैं जो अभी हाल फिलहाल में हुआ है – इसकी वजह से मैं यहाँ आ सकता हूँ और आप सब के बीच प्रकट हो सकता हूँ जिससे आप सब मुझे देख पाते हैं |

और हाँ, मैं ही आया था |

जॉन: ठीक है | अच्छा कुछ लोगों को संदेश प्राप्त हुए हैं कि आप यहाँ एक तेजोमय शरीर के रूप में अगले ७ वर्षों तक आ कर रहने का विचार कर रहे हैं और तभी आप यहाँ से छोड़ कर जाएंगे जब आपने अपने भौतिक शरीर छोड़ने का वादा किया था यानि ९६वां वर्ष?

लौकिक साईं बाबा: यह सच है, मैंने अन्य माध्यमों को घोषणा कर दी है और मैं अब आप से भी यह पुष्टि करने के लिए कह रहा हूँ | यही कि मैं वापस आ रहा हूँ और लोग मेरा साक्षात्कार सामान्य शरीर की तरह से कर सकते हैं | वास्तव में यह एक सामान्य शरीर नहीं है, यह प्रकाश से बना है | यह एक तेजोमय शरीर है| मैं एक काफी शक्तिशाली आवृत्ति में आने में सक्षम हूँ – इस लिए प्रेतात्मा दिखने की बजाय मैं आपको साईं बाबा के रूप में ही देखा जा सकुंगा – जैसा मैं भौतिक शरीर छोड़ने से पहले था|

क्या आपको समझ में आ रहा है ?

जॉन: Yes. हां | यह अद्भुत है साईं बाबा, हम सब आपकी प्रतीक्षा करेंगे क्योंकि हमें आपकी बहुत याद आती है| अब, आप अपनी इस यात्रा में वैलेरी से किसी भी तरीके की सहायता चाहते हैं?

लौकिक साईं बाबा: : वैसे मैंने वैलेरी से पुछा था और उन्होंने मेरी सहायता करने के लिए अपने आप को समर्पित किया है – हाँ | एक विशेष रूप से हाँ: मैं चाहूंगा कि वह आज सुबह की हमारी बातों का प्रतिलेखन करें , इ-मेल करें या फिट इंटरनेट पर दाल दें | वास्तव में यह बहुत ही अच्छा होगा यदि यह सब लौकिक साईं बाबा की वेबसाइट पर दाल दें | तो हाँ इन सब कार्यों में मैं उनसे सहायता चाहूंगा |

जॉन: अच्छा | यह सब हम कर सकते हैं | उस किताब के बारे में भी बताइये जो आपने समाधी लेने के पश्चात, उन्हें लोगों के अनुभव लिखने के लिए कहा था?

लौकिक साईं बाबा: यह सच है – किन्तु वह सन्देश दूसरे माद्यम से उस प्रकार नहीं आया जैसा मैं चाहता था| लेकिन कोई बात नहीं – मैं वैलेरी को इस बैठक की तैयारियां करवा रहा था|

और हां, वास्तव में, मैं उनसे यही करवाना चाहता हूँ |

और जब मैं यह कहता हूँ की मैं चाहता हूँ, जाहिर है, उनका अपना चुनाव होगा | लेकिन मैं जानता हूँ कि वे मेरे साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे ऐसा करने के लिए तैयार हो जाएँगी|

जॉन: ठीक है, बाबा आज हमारी तरफ से बस इतना ही बाबा; क्या आपके पास कुछ ऐसी बातें हैं जो हमें पता होनी चाहिए??

लौकिक साईं बाबा: नहीं, आज हम अपना ध्यान मानव जाती को दिया गया मेरे सन्देश पर ही केंद्रित करेंगे| क्योंकि, हाँ मैं वापस आ रहा हूँ| मैं यहाँ हमेशा से ही था – जैसा कि मैंने कहा है – मैं हमेशा सब लोगों को नहीं दिखाई पड़ता हूँ| पृथ्वी पर कुछ लोगों को मैं नज़र आया हूँ, जिन्होंने इसके विषय में बताया है – किन्तु जब यह विषय किसी एक के निजी नज़रिये से बताया जाता है तो बहुत जल्दी इस पर विश्वास या फिर समझा नहीं जा सकता है|

क्योंकि इसके लिए सूक्ष्म दृष्टि या अतीन्द्रिय दृष्टि चाहिए, जो सब के पास होती तो है – परन्तु इसके साथ काम करने कि क्षमता सभों में नहीं होती है (यह किसी के बारे में कैसी भी धारणा नहीं है)

तो फिर हाँ मैं आऊंगा और सभी को साक्षात्कार भी दूंगा और मेरा विश्वास है कि सारी मानवता के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होगा| वास्तव में मैं जानता हूँ कि यह होगा| तो फिर आप दोनों के लिए मेरा यह सन्देश है……. मैं जानता हूँ कि आप दोनों फ्रांस घूमने जा रहे हैं, और मैं इस बात से बहुत प्रसन्न हूँ……और जैसे मैंने पहले भी कहा है हम बढ़ावा देते हैं और यदि आप इस बढ़ावे के सहारे आगे की ओर अग्रसर होते हैं तो हमें बड़ी प्रसन्नता होती है – क्योंकि यह आपका चयन है नाकि हमारा| हालाँकि इसका सुझाव हमने आकाश में भी दिया था|

आपके फ्रांस की यात्रा के दौरान हमने आपके लिए काम नियोजित किया है – वास्तव में यह उससे भी पहले प्रारम्भ हो जाएगा – मेरा आशीर्वाद आप दोनों के साथ है और मैं आप दोनों के साथ बहुत निकट से काम कर रहा हूँ – आप की सोच से भी ज़्यादा निकट| आपका मेरे साथ इतनी जल्दी से काम करने की तत्परता व् उत्सुकता को मैं सरहाता हूँ – जब मैंने आकाश में सुझाव दिए थे और आपने उसे बढ़ावा मानते हुए अपनाया था – यह जज़्बा मुझे अत्यंत आनंद देता है और यह मेरा काम आसान भी बनाता है| मैं आप दोनों का अभिनन्दन करता हूँ|

धन्यवाद मेरे बच्चों, धन्यवाद –
मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ|
 

Subtle form at Kodaikanal

 

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