वैलेरी: बहुत प्रेम भाव के साथ, हम लौकिक साई बाबा का अहवान करते हैं|
वैलेरी: लौकिक साई बाबा, विचारसंक्रामण के माध्यम से मुझे बता रहे हैं कि वे आज हमसे वार्तालाप करना नहीं चाहते, किन्तु वे चाहते हैं कि हम किसी और को बात करने अनुमति दें|” (हम सब सहमत हो गए)
वैलेरी: महादूत मिकाइल आज यहाँ उपस्थित होना चाहते हैं – ठीक उसी तरह से आना चाहते हैं वैलेरी के माध्यम से, जैसे वे तब आएंगे जब, वैलेरी १६ जनवरी २०१७ को बायरन बे कोन्वेन्शन सेंटर, न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में अपना प्रतिपादन करेंगी|
जो वहाँ पर उस समय उपस्थित थे, उन्हें आगाह कर दिया गया था कि महादूत मिकाइल बहुत ऊंचे स्वर में बोलते हैं|
(उनके साक्षात्कार हेतु, वैलेरी के अंदर आती हुई उनके आगमन की ऊर्जा को आप सुन पा रहे हैं… )
❝मैं मिकाइल हूँ, महदूत मिकाइल और मैं यहाँ यह दिखाने आया हूँ कि मेरा अस्तित्व है| मैं चाहूँगा कि आप मेरी ऊर्जा को महसूस करें… डरिए नहीं…. मैं प्रेम के साथ आता हूँ… … और प्रकाश की दिव्य ऊर्जा के साथ….. ….
मैं आज यहाँ यह घोषणा करने आया हूँ कि मैं उस सम्मेलन में उपस्थित रहना चाहूँगा, जहां वैलेरी जा रही हैं और यह पूर्वाभ्यास है|
मैं चाहूँगा कि वैलेरी इन सब पर आपके विचारों को जाने? और क्या औरों का स्वीकारण इस में है?
मैं अपना प्रेम आप सब को भेजता हूँ| परमात्मा आपको आशीर्वाद दें मेरे बच्चों| परमात्मा आपको आशीर्वाद दें| ❞
आप महदूत मिकाइल का संचरण यहाँ सुन सकते हैं:
परिशिष्ट
सारे उपस्थित लोग महदूत मिकाइल के आगमन से विचलित हो गए थे| वे सब सहमत हैं इस बात से, कि महादूत का अभिप्रेत दर्शन , बायरन बे में क्लोज़ एंकाउंटर गोष्टी के दौरान, श्रोतागण को स्वीकार्य होगा – परंतु इस बात की पुष्टि मैं पहले उनसे करना चाहती थी|
संचरण से पहले, ध्यान के समय हमें एक स्थिर/ प्रेममय ऊर्जा नीचे की ओर आती हुई प्रतीत हुई और वह हमे ध्यान अवस्था की और गहराईयों में ले गयी| जब हम उस अवस्था से बाहर आए, किसी को भी बातें करने का मन नहीं कर रहा था – बस सब चुप-चाप से बैठे रहे – एक दूसरे को देख कर समन्वय के साथ मुस्कुरा रहे थे –किसी को इच्छा नहीं थी की वह कुछ समय के लिए कुछ भी कहे|
महादूत मिकाइल का संक्षिप्त किन्तु प्रबल दर्शन के बाद – किसी को भी कुछ समय के लिए बात करने की इच्छा नहीं हुई|
जब मैंने बताया कि लौकिक साई बाबा दूरसंवेदन से पूछ रहे थे कि वे इस विषय पर क्या सोचते हैं कि, १६ जनवरी २०१७ को बायरन बे में हो रही क्लोज़ एंकाउंटर की गोष्ठी में, महादूत मिकाइल की उपस्थिती का अभिवादन होगा कि नहीं, तो उन सब ने हामी में सिर हिला दिया|
तब उन्होने बात चीत शुरू की और महदूत के आगमन के समय हुए, अपने निजी अनुभवों का बखान करने लगे – कुछ समय पश्चात वे षडयंत्रों के बारे में बातें करने लगे और मैं थोड़ी सी चिंतित हो कर यह अवलोकन करने लगी कि कैसे उस कमरे की ऊर्जा जिसमे हम बैठे थे, बिखर गयी| यह ठीक उस प्रकार था जैसा काँच के टूटे हुए हजारों टुकड़े ज़मीन पर गिर कर, एक खूबसूरत सी ऊर्जा जो, हम सब के बीच में थी, उसे बिखेर गए|
कुछ लोग प्रत्यक्ष रूप से बदलते हुए नज़र आए और ऐसा प्रतीत हुआ जैसे उनको षडयंत्रों भरी कहानियों का कुछ मौजूदा ज्ञान एक दूसरे के साथ बांटने में आनंद आ रहा था|
मुझे अनुबोधन किया गया कि मैं ‘कपटसंधि वार्तालाप’ को रोक दूँ और कहूँ “मैं जानती हूँ कि यह (षड्यंत्र) विधमान है – और यह सारी कहानियाँ सही भी हो सकती हैं और गलत भी; लेकिन मैं जानती हूँ कि उनके बारे में बातें करने से ही नकारात्मकता की रचना होती है| अभी जो हमारे सामने हो रहा है वह बहुत अच्छा उदाहरण है इस बात का कि कैसे “ख़ूबसूरत स्थिर – शांत ऊर्जा, विभाजनात्मक – विध्वंसकारक और हानिकारक ऊर्जा में तबदील होती है|” तो मेरा निवेदन सब से यह है कि अपनी सोच के प्रति सतर्क रहें क्योंकि दुनिया को शांति प्रदान करने में हम सब मदद कर सकते हैं| हर चीज़ ऊर्जा है …….हमारे शब्द, विचार और वार्तालाप|
(लौकिक साई बाबा नेयहाँ और यहाँ यह बताया है कि कैसे हर एक वस्तु ऊर्जा है)
NB.
मार्क|
यदि आपका क्लोज़ एङ्कूउंटर कॉन्फ्रेंस, जहां वैलेरी उपस्थायीन होंगी और वादन करेंगी, के बारे में पढ़ने में रुचि है, तो आप यहाँ देख सकते हैं| तो आप यहाँ देख सकते हैं|.