वैलेरी: आज मंगल ५ अप्रैल २०१६ है, और हम लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं| बड़े आदर के साथ हम उनसे आज का संदेश लाने के लिए कहते हैं| और हम उनका प्रेम के साथ स्वागत करते हैं| धन्यवाद|
❝ यहाँ हूँ! और मैं यहाँ पर बहुत प्रसन्न हूँ – मैं यहाँ कुछ समय से हूँ और आपकी बातें सुन रहा था|
और मुझे अत्यंत प्रसन्नता इस बात से हो रही है कि आप अपना जीवन जीने के लिए जिस प्रकार चयन करते हैं, आप के पास मौजूद, ज्ञान और बुद्धिमत्ता के साथ, वह अच्छा है; बहुत ही अच्छा है|
और मैं जानता हूँ आप यहाँ हमारे साथ सेवा करने आए हैं; परमात्मा की सेवा करने, हम इसका स्वागत करते हैं| क्योंकि हमें, आप जैसे लोगों के साथ काम करने में आसानी होती है – बस आपको इतना करना है कि हमारा आह्वान करें – कृप्या यह याद रखें! कृप्या यह याद रखें|
आज का मेरा संदेश मेरे द्वारा हाल ही में दिये गए अन्य संदेशों से भिन्न नहीं हैं| यह समय चुनोतीपूर्ण है; यह समय है सोचने का कि आप कौन हैं, यहाँ क्यों आए हैं और उसे कैसे बदल सकते हैं| तो आज का मेरा संदेश लंबा नहीं है, अपितु आपको प्रोत्साहित करने के लिए कि आप अपने भीतर स्वयं काम करते रहिए, किसी भी प्रतिक्रिया के लिए अपने बाहर की ओर देखने के बजाए, अपने भीतर ही देखना चाहिए – और फिर नकारात्मक भावना के बारे में सोचिए – और उसे हटाने के लिए कहिए|
और यह भी देखिये कि आपको किस चीज़ से प्रतिक्रिया होती है और क्यों| यदि पृथ्वी पर हर एक प्राणी यही करे – तो सोचिए – यदि सभी एक समय पर एक साथ करें – सब जगह शांति होगी| क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति प्रतिक्रिया देना बंध कर देगा|
आपके भीतर की भावनाएं ही आपके लिए समस्या पैदा करती हैं, आपकी आत्मा के भीतर – और आपके चारों ओर भी यही समस्याएँ पैदा करतीं हैं – क्योंकि समान चीज़ें एक दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करती हैं| यदि आप परेशान हैं – तो किसी न किसी तरह से आप दूसरे परेशान व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं| यदि आप क्रोधित हैं, तो आप दूसरे क्रोध से भरे हुए व्यक्ति को अपनी ओर खींच लेते हैं|
परंतु यह सब बदल सकता है| यदि आप अपनी भावनाओं पर काबू पा सकें, और आपके भीतर स्थित परमात्मा से कहें कि उसे आप के पास से हटा दें, और फिर देखें कि आप क्यों प्रतिक्रिया देते हैं| आप अपने भीतर की जानकारी पा सकेंगे -कि आप क्यों और किसकी वजह से प्रतिक्रिया देते हैं|
और यदि इसे सुगमता और जल्दी से नहीं हटाया गया, फिर आप परमात्मा के कह सकते हैं कि वे आपको पूरा ज्ञान दें| जिसका तात्पर्य यह है कि आपको थोड़ी देर – लगभग १० मिनट ध्यान लगाकर बैठना पड़ेगा – और पूछना पड़ेगा कि आप प्रतिक्रिया क्यों देते हैं|
विचार आएंगे; सुझाव आएंगे! अन्तर्ज्ञान आएगा (जो भीतरी शिक्षण है)| यह सारी चीज़ें आपकी मदद करने हेतु आपके भीतर हैं| कभी-कभी आपको कई छवि दिखाई देंगी| या फिर एक आवाज़ आपको सुनाई देगी| यह सब अच्छा है| उसका स्वागत करें! डरें नहीं! क्योंकि आपके भीतर जो भी है, वह परमात्मा का है, जो आप में विद्यमान हैं| यह याद रखिए|
कभी भी डरने की आवश्यकता नहीं है! आपके भीतर वह शक्ति है, वह हिम्मत है जिसकी वजह से आप हर वो कार्य करने में सक्षम हैं जिसे आपके सामने किसी भी रूप में भी दिया जाये, आगे से, पीछे या समीप से| इस से और विकसित होने का सुअवसर जानिए|
यह सुअवसर है- शायद- एक दूसरे के साथ बांटने के लिए| या एक दूसरे की मदद करने के लिए| हर एक चीज़ का कोई न कोई कारण और अर्थ होता है| ऐसा हमेशा होता है|
तो मैं चाहूँगा कि आप इस विषय पर सोचें और इसके साथ काम करें| यह बहुत ही महत्वपूर्ण है| आप के पास इसको करने की क्षमता है, स्वयं को स्वस्थ करने की| यहीं से हर एक को शुरुआत करने की ज़रूरत है|
यह एक नई सीमांत है| यह अपनी बात रखने का एक तरीका है| एक नई सीमांत हर एक के लिए, यदि कोई समस्या है अपने भीतर झांक कर देखें; बाहर नहीं| परंतु वह आप ही से क्यों आकर्षित हुई (समस्या) इसका कोई कारण होगा….. वह आपको कुछ समझाने आई है, कुछ सिखाने…आप उससे सीख सकते हैं….आप समझ सकते हैं, आप उन सभी चीजों को बदल सकते जिससे आपको प्रतिक्रिया मिलती है| आप अपने भीतर स्थित परमात्मा से उसे बदलने के लिए कह सकते हैं|
यह सब संभव है और बहुत आसान है – यही आप के अस्तित्व का सच है, यह आपको दिया गया उपहार है: आप इसी के साथ ही तो पैदा हुए हैं – एक आत्मा के साथ – और आत्मा के मध्य में परमात्मा हैं| और आप यही तो हैं….तो कृप्या इसे मत भूलिए|
अपने भीतर देखिये, मेरे बच्चों, सारे उत्तर वहीं पर हैं!
बिल्कुल! सारे उत्तर वहीं हैं!
धन्यवाद! मुझे सुनने के लिए धन्यवाद|
मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ|
और हर एक प्राणी को जिसमें परमात्मा विद्मान हैं – उन्हें आशीर्वाद प्राप्त है – और वे बदले में आशीर्वाद दे सकते हैं|
समान प्रकार की वस्तुएं एक दूसरे को आकर्षित करती हैं, यह याद रखिए|
धन्यवाद मेरे बच्चों, धन्यवाद|
मैं, परमेश्वर आपको आशीर्वाद देता हूँ| ❞
आप लौकिक साई बाबा का प्रसारण यहाँ सुन सकते हैं: