७ मार्च २०१७

वैलेरी: बहुत आदर और प्रेम भाव के साथ हम लौकिक साई बाबा का आह्वान करते हैं|

दूरसंवेदन के माध्यम से, लौकिक साई बाबा ने वैलेरी को समझाया कि आज वे कोई संदेश नहीं देंगे बल्कि अपने वादे अनुसार, उनकी जगह पर महदूत मिकाईल अपना संदेश सुनाने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं|

(वैलेरी ने अपने भौतिक शरीर को महदूत मिकाईल द्वारा इस्तेमाल करने की प्रक्रिया समझाई)

आने में महदूत मिकाईल की गति थोड़ी धीमी थी – वे पूछ रहे हैं कि क्या उनकी भी ऊर्जा ग्रहण करने के लिए, सारे लोग अपने आप को तैयार कर लेंगे| वहाँ पर उपस्थित लोगों ने हामी भर दी| (महदूत मिकाईल आहिस्ता-आहिस्ता कुर्सी पर से उठे – वैलेरी के शरीर पर अधिग्रहण करते हुए उन्होने अपने आने कि सूचना दी)|


“मैं मिकाईल हूँ! महदूत मिकाईल! और मैं यहाँ इस लिए आया हूँ कि मैं तुम सब से बहुत प्रेम करता हूँ और मैं नहीं चाहता कि आपमें किसी प्रकार का भय हो|


मैं दिव्य जनसमूह की ओर से आया हूँ – दिव्य जनसमूह, जो प्रकाश की दुनिया से काम करते हैं| वे सब यहाँ प्रकट होना चाहते हैं ताकि उनके अस्तित्व को लेकर कोई भी कपटसंधि वार्तालाप न हो सके……


क्योंकि उनका अस्तित्व है| वे हमेशा से विद्यमान थे| वे तुम्हारे गृह के निर्माण होने के पहले से ही मौजूद थे|


आपको इसे जानने की और समझने की आवश्यकता है| आपके गृह को दिव्य दूतों ने निर्माण किया है – और उन्होने इसके निर्माण हेतु दूसरे दिव्य समूहों की भी मदद ली है| यह आपका घर है – आप यहाँ इंसानी रूप में रहते हैं| और दूसरे ….. दिव्य समूह जो यहाँ सैर करने आया करते थे – उनका यहाँ भव्य स्वागत किया गया|


वे यहाँ आए और कुछ यहाँ पर रुक गए –और कुछ छोड़ कर चले गए – वे लोग आते जाते रहते हैं| परंतु हम आपसे बस इतना ही मांग रहे हैं कि हमारी उपस्थिति को सकारा जाये – ताकि सारे मनुष्य यह जान पाएँ कि हमारा अस्तित्व है – और जब मैं हम कहता हूँ – तो मेरा तात्पर्य दिव्य समूह से है|


क्योंकि मैं चाहता हूँ, आप इस बात को गंभीरता से लें कि अन्य दुनिया, अन्य गृह, और अन्य जीवन हैं जिनके पास भौतिकीयता है मनुष्यों कि तरह| उनके पास आपकी तरह मांस नहीं है- परंतु और बहुत सी समानतायें हैं- यह जाती पर निर्भर करता है कि वे कैसे हैं|


क्योंकि वहाँ पर अनेक जातियाँ हैं – अनेक बनावट के – अनेक आकार के| और वे सब मौजूद हैं और हम सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि आप हमारा स्वागत करें|


हम तभी आएंगे और अपनी अन्तरिक्ष यान समेत आपको दिखाई पड़ेंगे जब हमें लगेगा कि आप हमारा स्वागत कर रहे हैं| यह इतना सरल है|


तो किसे अच्छा लगता है कि वह एक ऐसे घर में जाये जहां उसका स्वागत नहीं हो रहा हो?


और यही बात हमें भी लगती है|


हम, अन्य दुनियाओं के संयुक्त सार्वभौमिक कौम हैं, हमारी हार्दिक इच्छा है कि हमारे बारे में लोगों को विधित हो, और हम पृथ्वी वासियों की मदद करना चाहते जिससे उन्हें यह समझ में आ जाये कि वो कौन हैं|


क्योंकि दूसरी दुनियाओं के जातियों के साथ आपका भाई बहन का रिश्ता है|


और आप इन बातों को और बहतर समझेंगे, यदि आप हमारे अन्तरिक्ष यानों के आने पर, इन का स्वागत करें|


हमें सिर्फ आपकी स्वीकृति की आवश्यकता है और हम आपकी मदद करेंगे क्योंकि हम दैवी प्रेम के साथ आते हैं|


और यह दैवी प्रेम आप सब को स्पर्श करेगा – आपको इसका अनुभव अभी हो रहा है – आप को डरने की आवश्यकता नहीं है|


तो धन्यवाद मेरे बच्चों – मैं अपने वादे अनुसार यहाँ पर आया – धन्यवाद| धन्यवाद|


धन्यवाद|”


आप महदूत मिकाईल का संचरण यहाँ सुन सकते हैं: